132 साल में दूसरी श्रेणी का शहर बना दाउदनगर औरंगाबाद जिला बिहार


सतरहवीं सदी के उत्तरार्ध में बसा कस्बा दाउदनगर 1885 में नगर पालिका बना| उसके बाद 2002 में नगर पंचायत और फिर 132 वर्ष बाद नगर परिषद बना| अब यह शहर द्वितीय श्रेणी का दर्जा प्राप्त कर लिया है
| अब इसके बाद नगर निगम बनना शेष है, जो शहरों के स्तर में प्रथम दर्जे का होता है| करीब सवा दो सौ साल में कस्बा से यह नगर बना था| शहरीकरण की यात्रा में इतना समय लगा| जब 1885 में यह नगर पालिका गठित हुआ तो तृतीय श्रेणी का शहर बना था| अब द्वितीय श्रेणी का शहर बनने के बाद प्रथम दर्जे का शहर बनने की नयी यात्रा प्रारंभ हो गयी है|

गर पंचायत से नगर परिषद बना
1885 में नगरपालिका बना था शहर

अधिसूचना जारी, चुनाव पर नजर
राज्यपाल के आदेश से नगर विकास एवं आवास विभाग बिहार सरकार के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने गत 27 जुलाई को नगर परिषद गठित किए जाने की अधिसूचना जारी की है| दाउदनगर नगर पंचायत की वर्त्तमान परिधि में पड़ने वाले क्षेत्र एवं उसकी वर्त्तमान चौहद्दी को ही नगर परिषद् दाउदनगर कहा जाएगा| इससे साफ़ है कि नगर परिषद का इलाका विस्तार नहीं होने जा रहा है| अब सबकी नजर इस बात पर टिकी हुई है कि यहां नगर परिषद चुनाव के लिए कब परिसीमन का आदेश आता है| कैसे परिसीमन होगा| कितने वार्ड बनेंगे| कब चुनाव होगा| गत नौ जून को बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हुआ था| 10 जून से एसडीओ को प्रशासक बना दिया गया| नियामत: छ: माह के अन्दर चुनाव हो जाने चाहिए| अभी तक कोइ आदेश प्राप्त न होने से चुनाव के समय को ले अटकलबाजी होती रह रही है|

एक नजर में नगर परिषद -
8184 कुल होल्डिंग, 52340 कुल जनगणना, 27487 पुरूष, 24853 महिला, 17468 साक्षर पुरूष, 12450 साक्षर महिला, 10019 निरक्षर पुरूष, 12403 निरक्षर महिला|

कार्यालय में मानव संसाधन
नगर विकास एवं आवास विभाग बिहार पटना के पत्रांक 3728 दिनांक-30.06.1975 द्वारा पदसृजन की स्वीकृति प्राप्त है। इसके अनुसार –
93 कुल स्वीकृत पद| 18 कुल कार्यरत बल और 75 कुल रिक्तियां|

नप के लिए किया था चार ने सफल संघर्ष

दाउद खान के बसाये कसबे को 1885 में नगर पालिका बनाया गया था| ज्ञात इतिहास के अनुसार इसके लिए चार लोगों ने संघर्ष किया था| तब बिहार संयुक्त प्रांत (बिहार, बंगाल व उड़ीसा) का हिस्सा था| दाउद खां के वंशजों से यहां की आबादी तंग-ओ-तबाह थी| जब पीडा असहनीय हो गई तो चार बहादूर आगे आये। नगर पालिका के प्रधान सहायक पद से 1991 में सेवा निवृत देवभूषण लाल दास के हवाले से ‘श्रमण संस्कृति का वाहक-दाउदनगर’ ने लिखा है कि चावल बाजार के कसौन्धन बनिया जाति के पुरुषोत्तम दास, बजाजा रोड के कसौन्धन बनिया रामचरण साव, केशरी जाति के हुसैनी साव व अग्रवाल जाति के बाबु जवाहिर मल ने इसके लिए तब अथक प्रयास किया था| नगरपालिका गठन के बाद प्रथम उपाध्यक्ष जवाहिर मल को ही बनाया गया था| तब कोइ अधिकारी ही अध्यक्ष हुआ करता था| श्री मल का नाम बतौर साहित्यकार भी पुराना गया जिला में प्रतिष्ठित था| लेखक उपेन्द्र कश्यप जी 

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