औरंगाबाद : एसपी साहब ,ध्यान दीजिए, यहां हो रही पुलिसिंग फेल , न्याय की आश लिए सदर अस्पताल इंतजार कर रहा यह परिजन


कहते है कानून लोगो की रक्षा करने के लिए बनाये जाते है।कानून और पुलिस इसलिए होती है कि कानून का डर बना रहे जिससे लोग अपराध करने से बचे लेकिन कुछ लोग कानून का दुरूपयोग कर लोगो को फंसाते भी है।ऐसे मामले में जिला पुलिस के आँखों में धूल झोंकने का काम कर कानून का अवमानना भी जोरो पर है।बहुत सारे ऐसे मामले मिल जायेंगे जिसमे कानून का दुरूपयोग कर लोगो को फंसाया जाता है ।बिहार में दहेज़ कानून बनाया गया ताकि महिलाओं पर अत्याचार ना हो ।लेकिन बहुत सारे ऐसे मामले मिल जाते है जिसमे कसूरवार नहीं होने के वावजूद भी लोग दहेज़ उत्पीड़न के मामले में अभियुक्त बना दिए जाते है और उनकी और पूरे परिवार की जिंदगी वरवाद हो जाती है। कहने का तात्पर्य कानून का सही उपयोग न कर लोगो को फ़साने के लिए उपयोग करना।ऐसा ही एक मामला ओबरा थाना क्षेत्र के डीहरा पंचायत का है।जहां की रहने वाली आरती देवी रात में सो रही थी उसी दौरान पास रखे मोमबत्ती से आग पकड़ लिया और वो जल गई।ये कहना पीड़िता आरती देवी का है ।उस दौरान घर के सभी लोग अन्य जगह पर सोये हुए थे ।कोई छत पर तो कोई बाहर सोये हुए थे।पड़ोसियों ने शोर मचाकर परिजनों को जगाया जिसके बाद परिवार वाले दरवाजा तोड़कर आरती देवी को बचाया और इलाज़ के लिए दाउदनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले कर गए जहाँ से तुरंत सदर हॉस्पिटल औरंगा बाद के लिए रेफर कर दिया गया। फिलहाल पीड़िता का इलाज़ सदर हॉस्पिटल औरंगा बाद में चल रहा है। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि अभी तक पीड़िता का कोई फर्द बयान नहीं हुआ है ये जानकारी उसके ससुराल वालों ने दी ।ससुराल वालों का कहना है कि कोई पुलिस नहीं आई है।छोटे से एक्सीडेंट और मारपीट के मामले में फर्दबयान लिया जाता है।डॉक्टर खुद पुलिस को घटना की सुचना देते है लेकिन ऐसा नहीं हुआ।घटना 6 जुलाई रात 11 बजे की है ।फिलहाल ससुराल वाले पीड़िता का इलाज़ करवा रहे है और समुचित देखभाल कर रहे है ।पीड़िता के हालत में सुधार भी है। लेकिन पीड़िता के मायके वाले आये दिन सदर हॉस्पिटल पहुँचते है और उसके पति एवम ससुराल के अन्य सदस्यों को सीखा देने की और दहेज़ उत्पीड़न में जलाने के इल्जाम में फंसाने की धमकी दे रहे है।पीड़िता के परिजनों ने मगध एक्सप्रेस से न्याय की गुहार लगाई है ।पीड़िता के पति रवि रजक और दादा ससुर ललन रजक का कहना है कि हम गरीब आदमी है किसी तरह कर्ज लेकर अपने परिवार का इलाज़ करवा रहे है ।ललन रजक ने कहा कि हमलोग पैसे के इंतजाम में गए हुए थे उसी दौरान इसके मायके दाउदनगर बम रोड से कुछ लोग आये और वार्ड में उपस्थित हमारे परिवार के सदस्यों को बाहर निकाल दिया और जबरजस्ती और मारपीट का भय दिखाकर हमारे खिलाफ बोलने को उकसाने लगे ।इस दौरान उनके द्वारा इसका वीडियो बयान भी लिया गया है ।उसके बाद वो लोग फंसा देने का धमकी देकर चले गए।मामला चाहे जो भी हो लेकिन मामले में संज्ञान लेकर पुलिस द्वारा कार्यवाई करने की जरुरत है।पीड़िता के अनुसार पीड़िता मोमबत्ती से जाली है ।ऐसे में जबरजस्ती दहेज़ उत्पीड़न कानून में फंसा देने की धमकी देना ,कानून की हत्या है और उसका दुरूपयोग है।दुर्घटना हो सकती है लेकिन वो दहेज़ उत्पीड़न ही हो कोई जरुरी नहीं है लेकिन ऐसे ज्यादातर मामले में दहेज़ उत्पीड़न की ही प्राथमिकी होती है।
दहेज़ उत्पीड़न करने वालो को सजा होनी चाहिए लेकिन इसका दुरुपयोग और गलत इस्तेमाल कर फ़साने की भावना रखने वालों पर भी कार्यवाई होनी चाहिए ताकि कानून की रक्षा की जा सके ना की उसका दुरूपयोग हो।

No comments:

Post a Comment